Course Duration
24 Hours
24 Hours
Videos
2 Hours
2 Hours
No. Of Sessions
12
12
Sessions per week
3
3
Language
Hindi
Eligibility
कुछ नहीं
कुछ नहीं
Schedule of Classes
Starts on
-
07:00 pm to 09:00 pm IST.
Regular classes on Tuesday, Wednesday, FridayAbout the Teacher
Satprem Das
About the Teacher
श्रीमान सत्प्रेम प्रभु जी इस्कॉन भागवत महाविद्यालय, गोवेर्धन में आध्यत्मिक शिक्षक है।
आधात्मिक योग्यता-
1-भक्ति शास्त्री
2-भक्ति वैभव
3-भक्ति वेदांत (अध्यनरत)
शैक्षणिक योगयता-
1-कला स्नातक (भोपाल, म.प.)
2-होटल मैनेजमेंट में स्नातक (दिल्ली)
3-अनुभव-अनेक वर्षों तक मुम्बई के 5 स्टार होटलों में अनेक वर्षों तक सेवाएं दी है ।
उनके निजी जीवन में आश्चर्यजनक घटनाओं की श्रृंखलाओ के बाद आध्यात्मिकता के प्रति उनका झुकाव हो गया था वे कृष्णभावना में आने का सारा श्रेय कृष्ण को तथाकथित नकारात्मक स्थितियों की श्रृंखला बनाने के लिए और जिन भक्तो ने उनका सहयोग किया उनको देते है, विशेष रूप से उनकी कृष्ण भक्त माता जी को।
विशेष आकर्षण-
कृष्णभावनामृत में आने के बाद उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ सफल योद्धा की तरह संघर्ष किया, क्योंकि उन्हें पार्किंसंस की लाइलाज बीमारी ने घेर लिया था। लेकिन जैसे ही उन्होंने श्रीमद्भागवत का अध्ययन करना शुरू किया उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया और अब उनका जीवन श्रीमद्भागवत के अध्ययन की करुणा का जीता-जागता उदाहरण है।
Course Overview
भक्ति वेदांत तात्पर्य और वैष्णव आचार्यो की टीका के आधार पर विवेचना।
पाठ्यक्रम सामग्री:
श्रीमद् भागवतम 1.8 -कुंती महारानी की प्रार्थनाओ की विवेचना (भक्ति वेदांत
तात्पर्य और वैष्णव आचार्यो की टीका के आधार पर)।
लक्षित श्रोतागण: सभी श्रेणी के श्रोता।
आकलन पद्धति: कुछ नही।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश: सुनने और ध्यान लगाने का प्रयास करें।
इस पाठ्यक्रम से छात्रों को क्या लाभ होगा?
1-विपरीत
परिस्थितियों से कैसे समन्वय बनायें।
2-किस प्रकार सभी परिस्थितियों में सकारात्मक रवैया रखें।
3-कैसे शारिरिक और मानसिक पीड़ा को कम किया जाए ।
4-कैसे दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलें ।
5-प्राथनाओ की शक्ति का अनुभव करें।
इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लेना चाहिए?
जीवन की समस्याओं से ऊपर उठकर आनंद से जीने के लिए ।
हम पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
मानसिक और शारीरिक समस्याओं से लड़ने के लिए चेतना का उत्थान करना |