Course Duration
36 Hours
36 Hours
Videos
90 minutes each
90 minutes each
No. Of Sessions
24
24
Sessions per week
3
3
Language
Hindi
Eligibility
कुछ नहीं - सभी भाग ले सकतें हैं
Schedule of Classes
Starts on
-
08:00 pm to 09:30 pm IST
Regular classes onMon, Wed & Fri
About the Teacher
Ramanuja Das
About the Teacher
रामानुज दास वर्ष1997 में इस्कॉन के संपर्क में आए और वर्ष 2002 में श्री श्रीमद् राधा गोविंद गोस्वामी महाराज से आध्यात्मिक दीक्षा प्राप्त की। इन्होंने श्री श्रीमद् गौरकृष्ण गोस्वामी महाराज और श्री श्री वृंदावन चंद्र गोस्वामी महाराज के आश्रय में कुछ समय श्रीमद् भागवत का अध्ययन भी किया। वर्तमान में अपने वृद्ध माता-पिता के साथ बरसाना में रहते हैं और श्रीमद्भागवत के अध्ययन में यथासंभव रत रहते हुए ऑनलाइन प्रचार करते रहते हैं।
Course Overview
पाठ्यक्रम विवरण
धर्माचरण का उद्देश्य न तो भौतिक लाभ है और न ही शुष्क दर्शन। धर्म का पालन करने का अंतिम लक्ष्य अपने आप को भौतिक बन्धन से मुक्त करना और आध्यात्मिक जगत् में शाश्वत जीवन प्राप्त करना है, जहां सभी सेवाओं का केंद्रबिन्दु पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् है। धर्म उनके द्वारा स्थापित किया गया है, और महाजनों, या भगवान् के विशुद्ध भक्तों को छोड़कर कोई भी धर्म के उद्देश्य को नहीं जानता है। भगवान् के बारह विशेष भक्त हैं जो धर्म के उद्देश्य को जानते हैं, और वे सभी उनकी दिव्य सेवा करते हैं। जो व्यक्ति अपना कल्याण चाहते हैं वे इन महाजनों का अनुसरण कर सकते हैं और इस प्रकार सर्वोच्च लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पाठ्यक्रम सामग्री
बारह महाजनों का जीवन और शिक्षाएँ : १. ब्रह्मा, २. नारद, ३. शिव, ४. चार कुमार, ५. कपिल, ६. स्वायंभूव मनु, ७. प्रह्लाद, ८. महाराज जनक, ९. भीष्मदेव, १०. बलि महाराज, ११. शुकदेव गोस्वामी, १२. यमराज।
लक्षित श्रोतागण
सभी के लिए खुला।
आकलन पद्धति
पाठ्यक्रम के अंत में बहुपर्याय परीक्षा (एमसीक्यू टेस्ट)
इस कोर्स से छात्रों को क्या मिलेगा?
छात्र जानेंगे कि बारह महाजन कितने महान हैं और सर्वोच्च धर्म क्या है।
इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लेना चाहिए?
यह पाठ्यक्रम श्रीमद्भागवतम् पर आधारित है और इसलिए छात्रों को भगवान् के शुद्ध भक्तों के बारे में सुनने का अवसर मिलेगा।